Kya Coinbase India ke Crypto Market mein Karega Grand Entry? CoinDCX Acquisition Rumors ka Sach

Coinbase : भारत का Crypto Currency मार्केट पिछले कुछ वर्षों में तेजी से उभरा है, और इस क्षेत्र में वैश्विक दिग्गजों की नजर अब भारत पर टिकी है। हाल ही में, अमेरिका की प्रमुख Crypto Currency एक्सचेंज, Coinbase और भारत की सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज, CoinDCX को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स ने सनसनी मचा दी है। खबरें हैं कि कॉइनबेस भारत में फिर से प्रवेश करने की तैयारी कर रहा है, और इस बार वह कॉइन डीसीएक्स को अधिग्रहण (acquisition) करने की दिशा में बातचीत कर रहा है। यह खबर तब और चर्चा में आई जब कॉइन डीसीएक्स हाल ही में 44 मिलियन डॉलर (लगभग 368 करोड़ रुपये) के साइबर हमले का शिकार बना। लेकिन क्या यह अधिग्रहण वाकई होने वाला है? और अगर हां, तो इसका भारतीय क्रिप्टो मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ेगा? आइए, इस खबर के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझते हैं।

Kya Coinbase India ke Crypto Market mein Karega Grand Entry? CoinDCX Acquisition Rumors ka Sach
Kya Coinbase India ke Crypto Market mein Karega Grand Entry? CoinDCX Acquisition Rumors ka Sach

Coinbase: वैश्विक Crypto दिग्गज

Coinbase ग्लोबल इंक. (Coinbase Global, Inc.) एक अमेरिकी crypto Currency एक्सचेंज है, जिसकी स्थापना 2012 में ब्रायन आर्मस्ट्रांग और फ्रेड एहरसम ने की थी। यह दुनिया की सबसे बड़ी बिटकॉइन कस्टोडियन कंपनी है, जो 100 से अधिक देशों में संचालित होती है। 2024 तक, कॉइनबेस के पास 400 बिलियन डॉलर से अधिक के डिजिटल एसेट्स हैं, जिनमें 12% बिटकॉइन और 11% इथेरियम शामिल हैं। कंपनी ने 2024 में 2.58 बिलियन डॉलर की नेट इनकम दर्ज की, जो इसे क्रिप्टो उद्योग में एक मजबूत खिलाड़ी बनाती है। कॉइनबेस की रणनीति हमेशा से नियामक अनुपालन (regulatory compliance) और जिम्मेदार नवाचार (responsible innovation) पर केंद्रित रही है।

Coinbase ने पहले भी भारत में कदम रखने की कोशिश की थी। 2022 में, कंपनी ने भारतीय बाजार में प्रवेश किया, लेकिन नियामक अनिश्चितताओं (regulatory uncertainties) के कारण उसे अपने स्थानीय संचालन को सीमित करना पड़ा। उस समय, कॉइनबेस ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से फंडिंग की सुविधा देने का दावा किया था, लेकिन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इसे खारिज कर दिया, जिसके बाद कॉइनबेस को भारत से बाहर निकलना पड़ा।

हालांकि, मार्च 2025 में, कॉइनबेस ने भारत की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) में रजिस्ट्रेशन कराकर एक बार फिर भारतीय बाजार में वापसी की नींव रखी। यह रजिस्ट्रेशन कॉइनबेस को भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देता है। कंपनी ने घोषणा की कि वह इस साल के अंत में अपनी प्रारंभिक रिटेल सेवाएं शुरू करेगी, जिसके बाद भारत में और निवेश और उत्पाद लाएगी। कॉइनबेस के एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के प्रबंध निदेशक, जॉन ओ’लॉघलन, ने कहा, “भारत दुनिया के सबसे रोमांचक बाजारों में से एक है, और हम स्थानीय नियमों का पूरी तरह पालन करते हुए यहां निवेश को गहरा करने के लिए गर्व महसूस करते हैं।”

CoinDCX : भारत का Crypto पावरहाउस

CoinDCX भारत की सबसे बड़ी crypto Currency एक्सचेंज है, जिसकी स्थापना 2018 में सुमित गुप्ता और नीरज खंडेलवाल ने की थी। यह 16 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं का दावा करती है और 500 से अधिक क्रिप्टो एसेट्स तक पहुंच प्रदान करती है। कॉइन डीसीएक्स कई सेवाएं प्रदान करता है, जैसे कि शुरुआती लोगों के लिए निवेश ऐप, प्रो ट्रेडर्स के लिए कॉइन डीसीएक्स प्रो, निष्क्रिय आय के लिए कॉइन डीसीएक्स अर्न, और वेब3 मोड के साथ 50,000 से अधिक टोकन तक पहुंच। कंपनी के पास बी कैपिटल, कॉइनबेस वेंचर्स, बैन कैपिटल वेंचर्स, और पॉलीचेन कैपिटल जैसे बड़े निवेशक हैं।

2021 में, CoinDCX का मूल्यांकन (valuation) 2.2 बिलियन डॉलर था, जो इसे भारत की सबसे मूल्यवान क्रिप्टो एक्सचेंज बनाता था। हालांकि, हाल के एक साइबर हमले ने इसके मूल्यांकन को प्रभावित किया है, और अब अनुमान लगाया जा रहा है कि इसका मूल्यांकन 1 बिलियन डॉलर से कम हो सकता है।

CoinDCX साइबर हमला: 44 मिलियन डॉलर की चोरी

19 जुलाई 2025 को, CoinDCX ने एक बड़े साइबर हमले का सामना किया, जिसमें इसके आंतरिक ऑपरेशनल वॉलेट से 44.2 मिलियन डॉलर (लगभग 368 करोड़ रुपये) की चोरी हुई। यह भारत में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो हैक था, पहला बड़ा हैक 2024 में वजीरएक्स (WazirX) के साथ हुआ था, जिसमें 230-235 मिलियन डॉलर की चोरी हुई थी।

कॉइन डीसीएक्स के सह-संस्थापक सुमित गुप्ता और नीरज खंडेलवाल ने स्पष्ट किया कि यह हमला कंपनी के ट्रेजरी खाते पर हुआ था, जो लिक्विडिटी प्रोविजनिंग के लिए उपयोग किया जाता था। ग्राहक फंड, जो सुरक्षित कोल्ड वॉलेट्स में रखे गए थे, पूरी तरह से सुरक्षित रहे। कंपनी ने तुरंत डैमेज कंट्रोल के उपाय शुरू किए। इसने एक रिकवरी बाउंटी प्रोग्राम शुरू किया, जिसमें चोरी हुए फंड्स को ट्रेस करने या रिकवर करने में मदद करने वालों को 25% तक का इनाम (लगभग 11 मिलियन डॉलर) देने की पेशकश की गई।

हालांकि, इस हमले ने कॉइन डीसीएक्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि हमला संभवतः असुरक्षित एपीआई कीज़ या बैकएंड सिस्टम की कमजोरियों के कारण हुआ। ब्लॉकचेन विश्लेषक सायवर्स (Cyvers) ने हमले को उत्तर कोरिया के लाजरस ग्रुप (Lazarus Group) से जोड़ा, जो पहले भी वजीरएक्स हैक में शामिल था। हमलावरों ने टॉरनेडो कैश (Tornado Cash) और क्रॉस-चेन ब्रिजेज का उपयोग करके चोरी किए गए फंड्स को अस्पष्ट करने की कोशिश की।

कॉइन डीसीएक्स ने इस घटना की जानकारी देने में 17 घंटे की देरी की, जिसके लिए उसकी आलोचना हुई। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने तर्क दिया कि तत्काल पारदर्शिता और समानांतर आंतरिक कार्रवाई वैश्विक मानक है, खासकर जब इतनी बड़ी राशि दांव पर हो। फिर भी, कॉइन डीसीएक्स ने अपने 132 मिलियन डॉलर के वार्षिक राजस्व और मजबूत कॉर्पोरेट रिजर्व का हवाला देते हुए वित्तीय स्थिरता का आश्वासन दिया।

Coinbase और CoinDCX अधिग्रहण की अफवाहें

हाल ही में, कई मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया कि कॉइनबेस और CoinDCX के बीच अधिग्रहण की बातचीत अंतिम चरण में है। मिंट (Mint) के अनुसार, यह सौदा CoinDCX को 900 मिलियन डॉलर से कम के मूल्यांकन पर हो सकता है, जो इसके 2021 के 2.2 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन से काफी कम है। यह सौदा कॉइनबेस के लिए भारत में अपनी स्थिति को मजबूत करने का एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, खासकर तब जब कंपनी पहले से ही कॉइन डीसीएक्स और इसके प्रतिद्वंद्वी कॉइनस्विच कुबेर (CoinSwitch Kuber) में हिस्सेदारी रखती है।

कॉइनबेस ने भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए हाल के वर्षों में कई कदम उठाए हैं। मार्च 2025 में FIU में रजिस्ट्रेशन के अलावा, कंपनी ने मई 2025 में दुबई स्थित क्रिप्टो डेरिवेटिव्स एक्सचेंज डेरिबिट को 2.9 बिलियन डॉलर में और जुलाई में टोकन मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म लिक्विफी (LiquiFi) को अधिग्रहित किया। ये अधिग्रहण कॉइनबेस की वैश्विक विस्तार रणनीति का हिस्सा हैं।

हालांकि, कॉइन डीसीएक्स के सीईओ सुमित गुप्ता ने इन अफवाहों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने अपने X हैंडल पर लिखा, “इन अफवाहों को नजरअंदाज करें! कॉइन डीसीएक्स भारत के क्रिप्टो स्टोरी को बनाने के लिए पूरी तरह से केंद्रित है और बिक्री के लिए नहीं है!” कॉइनबेस ने भी इस मामले पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की है, केवल इतना कहा है कि वह वैश्विक स्तर पर “अवसरों की खोज” कर रही है।

भारत में Crypto Market : अवसर और चुनौतियां

भारत का Crypto Market तेजी से बढ़ रहा है। 2024 के चैनालिसिस (Chainalysis) रिपोर्ट के अनुसार, भारत में क्रिप्टो अपनाने की दर दुनिया में सबसे अधिक है, और यहां डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) का दृश्य भी मजबूत है। 2025 तक, भारत में 93 मिलियन से अधिक क्रिप्टो धारक हैं, और बाजार का मूल्य 5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। भारत की डेवलपर कम्युनिटी भी ब्लॉकचेन और ऑन-चेन डेवलपमेंट में अग्रणी है, जिसका वैश्विक हिस्सा 2018 में 3% से बढ़कर 2023 में 12% हो गया है।

हालांकि, भारतीय क्रिप्टो उद्योग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 2023 में, भारत में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर 30% टैक्स और 1% टीडीएस लागू किया गया, जिसने ट्रेडिंग गतिविधियों को प्रभावित किया। इसके अलावा, FIU में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होने के बावजूद, क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए बुनियादी ढांचे की अखंडता, की मैनेजमेंट, और हॉट वॉलेट एक्सपोजर पर व्यापक नियमों की कमी है।

साइबर सुरक्षा एक और बड़ी चुनौती है। कॉइन डीसीएक्स और वजीरएक्स जैसे हैक ने भारतीय क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स की सुरक्षा प्रथाओं पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हॉट वॉलेट्स का अत्यधिक उपयोग (कॉइन डीसीएक्स के मामले में 28% एसेट्स हॉट वॉलेट्स में थे, जबकि वैश्विक बेंचमार्क 5% से कम है) और निरंतर रेड-टीमिंग (सिम्युलेटेड हमलों के माध्यम से कमजोरियों की पहचान) की कमी इस तरह के हमलों का कारण है।

Coinbase की रणनीति और संभावित प्रभाव

Coinbase की भारत में री-एंट्री और कॉइन डीसीएक्स के संभावित अधिग्रहण की अफवाहें भारतीय क्रिप्टो उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती हैं। अगर यह सौदा होता है, तो यह निम्नलिखित प्रभाव डाल सकता है:

  1. बाजार में मजबूती: Coinbase की वैश्विक विशेषज्ञता और संसाधन कॉइन डीसीएक्स को मजबूत कर सकते हैं, खासकर साइबर सुरक्षा और नियामक अनुपालन के क्षेत्र में। यह भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित ट्रेडिंग अनुभव प्रदान कर सकता है।
  2. नियामक अनुपालन: कॉइनबेस का नियामक अनुपालन पर जोर भारत में क्रिप्टो उद्योग के लिए एक सकारात्मक संदेश दे सकता है। यह सरकार और नियामक संस्थानों के साथ बेहतर सहयोग को बढ़ावा दे सकता है।
  3. प्रतिस्पर्धा और नवाचार: कॉइनबेस की एंट्री से भारत में क्रिप्टो एक्सचेंजों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है, जिससे उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवाएं और कम शुल्क मिल सकते हैं। साथ ही, कॉइनबेस की तकनीकी क्षमताएं भारतीय डेवलपर्स को ब्लॉकचेन और DeFi में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं।
  4. वैश्विक एकीकरण: कॉइनबेस के वैश्विक नेटवर्क के साथ कॉइन डीसीएक्स का एकीकरण भारतीय क्रिप्टो उपयोगकर्ताओं को वैश्विक बाजारों तक बेहतर पहुंच प्रदान कर सकता है।

निष्कर्ष

Coinbase की भारत में संभावित री-एंट्री और कॉइन डीसीएक्स के अधिग्रहण की अफवाहें भारतीय क्रिप्टो उद्योग के लिए एक रोमांचक और अनिश्चित समय का संकेत देती हैं। हालांकि कॉइन डीसीएक्स के सीईओ ने इन अफवाहों को खारिज किया है, कॉइनबेस की FIU में रजिस्ट्रेशन और भारत में निवेश की योजनाएं इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि कंपनी भारतीय बाजार को गंभीरता से ले रही है। दूसरी ओर, कॉइन डीसीएक्स का हालिया साइबर हमला और उसका मूल्यांकन में कमी इस बात को दर्शाता है कि भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को अपनी सुरक्षा और पारदर्शिता को मजबूत करने की जरूरत है।

अगर यह अधिग्रहण होता है, तो यह भारतीय Crypto Market उद्योग के लिए एक गेम-चेंजर हो सकता है, जो इसे वैश्विक मंच पर ले जाएगा। लेकिन अगर यह केवल एक अफवाह है, तब भी कॉइनबेस की भारत में बढ़ती रुचि इस बात का संकेत है कि भारत का क्रिप्टो मार्केट अब वैश्विक खिलाड़ियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन चुका है। इस कहानी पर नजर बनाए रखें, क्योंकि क्रिप्टो की दुनिया में कुछ भी निश्चित नहीं है, और अगला बड़ा मोड़ बस कोने में हो सकता है।

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